वर्ल्ड चैम्पियनशिप: हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीतकर एक महत्वपूर्ण पल बनाया है. उन्होंने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पहले भारतीय खिलाड़ी के रूप में गोल्ड मेडल जीता है.
इसके साथ ही, कुछ और भारतीय खिलाड़ियों ने भी इस प्रतियोगिता में अच्छे प्रदर्शन से लोगों का मन मोह लिया है.
नीरज चोपड़ा के साथ ही, जैवलिन थ्रो की प्रतियोगिता में भारत के किशोर जेना और मनु डीपी भी भाग ले रहे हैं.
किशोर जेना पांचवे स्थान पर और मनु डीपी छठे स्थान पर रहे हैं.
तीन हज़ार मीटर के स्टीपलचेज़ में भारत की पारुल चौधरी फ़ाइनल में पहुँची है.
यद्यपि फाइनल में उनका प्रदर्शन निराशाजनक था, उन्होंने अपने पूर्व रिकॉर्ड को बदलते हुए 15 खिलाड़ियों में 11वें स्थान पर रहकर अपने देश का गर्व बढ़ाया।
उनके प्रयासों का परिणामस्वरूप, उन्होंने नेशनल रिकॉर्ड को स्थापित किया और पेरिस ओलंपिक के लिए पात्र होने का मार्ग चुना।
रिले टीम की तारीफ़
नीरज चोपड़ा, किशोर जेना, मनु डीपी और पारुल चौधरी के अतिरिक्त, भारत की रिले टीम का भी उल्लेख हो रहा है।
पुरुषों की 4 गुना 400 मीटर रिले में, भारतीय टीम फ़ाइनल तक पहुँची और पाँचवें स्थान पर रही।
मोहम्मद अनस याहया, अमोज जैकब, मोहम्मद अजमल और राजेश रमेश, हालांकि निराश हुए, लेकिन उन्होंने बड़ी मेहनत की।
क्वॉलिफ़ाइंग राउंड में, भारत की रिले टीम दूसरे स्थान पर थी और उन्होंने अमेरिका के खिलाड़ियों को टक्कर दी थी।
भारतीय रिले टीम ने क्वालिफ़ाइंग राउंड में 2:59:05 सेकंड का समय बनाया और एशियाई रिकॉर्ड को तोड़ा।
भारतीय रिले टीम का यह प्रदर्शन एथलेटिक्स की दुनिया में भारत की नई उम्मीद बढ़ाई है।
नेताओं से लेकर खिलाड़ियों तक, सभी ने रिले टीम की प्रशंसा की है।
सोशल मीडिया पर चर्चा

इसी क्रम में सोशल मीडिया पर यह बात भी चर्चा की जा रही है कि इस टीम में दो मुसलिम, एक हिंदू और एक ईसाई खिलाड़ी हैं, जो धर्मनिरपेक्ष भारत की प्रतिष्ठा को दर्शाते हैं।
कई मशहूर व्यक्तियों ने सोशल मीडिया पर इन खिलाड़ियों की तस्वीर साझा करके भारत के धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण की प्रशंसा की है।
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म “एक्स” पर लिखा है कि ये चारों खिलाड़ी सहयोग, आपसी भरोसा और सद्भाव की एक बेहतरीन तस्वीर प्रस्तुत करते हैं।
उन्होंने आगे लिखा है कि भगवान की कृपा है कि हंगरी के बुडापेस्ट के निकट कोई विभाजनकारी ब्रिगेड नहीं है।
नीलीमा श्रीवास्तव ने इन चारों खिलाड़ियों के धर्म का ज़िक्र करते हुए “जय हिंद” लिखा है।
संजीव बत्रा ने लिखा है – “दो मुसलमान, एक हिंदू और एक कैथलिक। ये राष्ट्रीय एकता की सच्ची भावना है, जिससे एक जीतने वाली टीम बनती है।”
लेकिन बीजेपी से जुड़ी चारू प्रज्ञा ने चिदंबरम की टिप्पणी पर आपत्ति जताई है और कहा है कि खेल में धर्म को लाने की क्या ज़रूरत है।
प्रतिभा कौल नाम की यूजर ने भी कांग्रेस को इस मामले में घेरा है। उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस को हर चीज़ में धर्म लाने की ज़रूरत है।
बहस
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी एक्स पर लिखा है कि नीरज चोपड़ा के गोल्ड जीतने के बीच रिले टीम के सदस्यों को नहीं भूलना चाहिए।
उन्होंने लिखा है कि रिले टीम के खिलाड़ी भले ही अलग-अलग आस्था रखते हों, लेकिन भारतीय होने के नाते वे एक साथ जुड़े हुए थे।
राजेश रमेश, मोहम्मद अजमल, अमोज जैकब और मोहम्मद अनस की प्रशंसा करते हुए उन्होंने आगे लिखा है- “जब हम नेताओं की तरह दीवार बनाने की बजाय खेल के जैसा पुल बनाते हैं, तभी भारत की शक्ति सही मायनों में समझी जा सकती है। जय हिंद।”
कई मौकों पर राजदीप सरदेसाई से भिड़ चुके बीजेपी की मीडिया सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने खिलाड़ियों को धर्म पर चर्चा को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा है- “जिस तरह सेक्युलरिस्ट सोचते हैं, उसमें कुछ ऐसा है, जो बुरी तरह सड़ा हुआ है। 4X400 मीटर रिले में अपना स्थान दर्ज करने वाले चैम्पियन खिलाड़ियों की सराहना करने की बजाए, वे उनकी धार्मिक पहचान पर चर्चा कर रहे हैं। भारतीयों ने एशियाई रिकॉर्ड तोड़ा, कुछ समय के लिए अमेरिका के खिलाड़ियों को पीछे छोड़ा। लेकिन ऐसा लगता है कि ये सब मायने नहीं रखता।”
अमित मालवीय ने आगे लिखा है कि “जब चैम्पियंस और उनकी जीत के क्षण के बारे में सब कुछ होना चाहिए था, इन जोकर्स ने इसे उनकी धार्मिक पहचान तक सीमित कर दिया।”
4X400 मीटर रिले में कैसा रहा प्रदर्शन
क्वॉलिफ़ाइंग स्टेज में भारत की टीम से किसी ने कोई बड़ी उम्मीद नहीं की थी। ख़ासकर वर्ल्ड चैम्पियनशिप जैसी बड़ी प्रतियोगिता में। लेकिन होना तो कुछ और ही था। क्वालिफ़ाइंग राउंड में भारत ने मोहम्मद अनस से शुरुआत की थी।
लेकिन अमोज जैकब की शानदार दौड़ के कारण भारत दूसरे नंबर पर आ गया। जैकब ने भारत को जो बढ़त दिलाई वो आगे भी जारी रही। मोहम्मद अजमल और राजेश रमेश ने इस बढ़त को न सिर्फ़ बनाए रखा, बल्कि एक बेहतरीन नजीते की नींव रखी। भारतीयों ने न सिर्फ़ एशियाई रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि दूसरे नंबर पर रहे। उनके आगे सिर्फ़ अमेरिका की टीम थी। एक समय थोड़ी देर के लिए भारतीय खिलाड़ियों ने अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया था। भारतीय टीम ने 2:59:05s का समय लिया, जो नया एशियाई रिकॉर्ड है।
पहले ये रिकॉर्ड 2:59:51s के साथ जापान के नाम था। लेकिन फ़ाइनल में भारतीय टीम अपना प्रदर्शन दोहरा नहीं सकी और उसे पाँचवें स्थान से ही संतोष करना पड़ा। फ़ाइनल में भारतीय रिले टीम ने 2:59:92s का समय लगाया।
खिलाड़ियों के बारे में जानिए
4 गुणा 400 मीटर की टीम में शामिल मोहम्मद अनस केरल से हैं। अनस एशिया गेम्स में सिल्वर जीत चुके हैं। अनस ने 2016 के ओलंपिक के लिए क्वालिफ़ाई भी किया था। अनस के नाम 400 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। इस टीम के राजेश रमेश तमिलनाडु से हैं। रमेश का करियर काफ़ी उतार-चढ़ाव वाला रहा है। चोट और कोविड के कारण एक समय ऐसा लगा था कि उनका करियर तबाह हो जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वे त्रिची रेलवे स्टेशन पर टिकट कलेक्टर का काम करते थे। मूल रूप से केरल के रहने वाले अमोज जैकब का जन्म दिल्ली में हुआ था। एक समय उन्होंने खेल छोड़ने का मन बना लिया था। 400 मीटर के अलावा जैकब 800 मीटर की दौड़ में भी शामिल होते हैं। वर्ष 2016 के एशियन जूनियर चैम्पियनशिप में उन्होंने दो मेडल्स जीते। 25 वर्षीय मोहम्मद अजमल भी केरल के रहने वाले हैं। अजमल पहले फ़ुटबॉल खेलते थे। लेकिन बाद में 100 मीटर की दौड़ उनको पसंद आ गई। और आख़िरकार उन्होंने 400 मीटर की दौड़ में विशेषज्ञता हासिल की।